Climate and Health Air Monitoring Project
(CHAMP)
Mobilizing Health Care Facilities for Air Pollution Monitoring and Communicators of Air for better Health
NAVODAYA TIMES
दिल्ली में गरमी का सितम लोगों को बीमार कर रहा है एक ओर जहां पेट दर्द, दस्त, गला खराब होने की शिकायतें लोगों में देखी जा रही हैं वहीं प्रदूषण से अस्थमा के रोगियों से लेकर आम लोगों को भी परेशानी हो रही है। दरअसल इन दिनों उड़ रही धूल से लोगों को भारी परेशानी हो रही है। पतछड़ के बाद पेड़ों से गिर रहे अवशेष, पराग के कण व धूल से अस्थमा रोगी ही नहीं आम लोग भी एलर्जी के शिकार हो रहे हैं।
दक्षिणी दिल्ली के कई इलाकों में इन दिनों निर्माण कार्यों, सड़क, गलियों के निर्माण, जल बोर्ड, केबल बिछाने के काम किए जा रहे हैं। विशेष तौर पर तुगलकाबाद, महरौली बदरपुर रोड, साकेत, मालवीय नगर, अरबिंदों मार्ग के साथ-साथ सुंदर नगर की ओर आने वाली मुख्य सड़क पर भी इन दिनों अलग-अलग वजहों से हो रही खुदाई से धूल उड़ रही है। इसी तरह मध्य दिल्ली, पूर्वी दिल्ली, उत्तरी-पूर्वी दिल्ली, पश्चिमी दिल्ली के इलाकों में कई जगह प्रदूषण का असर दिख रहा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक दिल्ली में प्रदूषण स्तर भी रविवार को खराब श्रेणी में 245 दर्ज किया गया। लेकिन सबसे ज्यादा समस्या दिल्लीवासियों को हो रही है।
जनरल फिजिशियन डॉ. बीवी सिंह बताते हैं कि पेड़ों पर पतछड़ के बाद आने वाले पराग के कण यदि किसी भी व्यक्ति के संपर्क में आते हैं तो वह सांस संबंधी समस्या करते हैं। इन दिनों प्रदूषण से एलर्जी, मौसम के चलते पेट दर्द, दस्त, गला खराब जैसी समस्याओं वाले मरीज आ रहे हैं।
डॉ. बीवी सिंह बताते हैं कि 10 में से छह-सात मरीजों को ये समस्याएं देखने में आ रही हैं। हालांकि विशेषज्ञ इन दिनों धूल, धुंआ और पेड़ों के पराग, घास काटने आदि से बचने की सलाह देते हैं।
प्रदूषण विशेषज्ञ प्रो. रवींद्र खैवाल बताते हैं कि माइक्रोनिक पराग कण नाक में ऊपरी वायुमार्ग में गहराई तक पहुंचने वाले सांस में जाते हैं जिससे दमा, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज, अन्य एलर्जी हो सकती हैं। पोलन (पराग) एलर्जी सांस की एक प्रमुख बीमारी है और पिछले कुछ वर्षों में इसमें वृद्धि हुई है। यह लगभग 30 प्रतिशत वयस्कों और 25 प्रतिशत बच्चों को प्रभावित करती है और शहरीकरण, वायु प्रदूषण से ये समस्याएं बढ़ी हैं। पर्यावरण अध्ययन विभाग प्रमुख डॉ. सुमन मोर ने बताया कि व्यक्तिगत स्तर, स्वास्थ्य देखभाल जरूरी है वहीं स्थानीय प्रशासन, सरकार को भी इस जोखिम को कम करने पर रणनीति बनानी चाहिए।
वायु प्रदूषण को लेकर सोमवार को एक उच्चतरीय बैठक आयोजित की जा रही हे। विशेषतौर पर धूल, खुले में कचरा जलाने, लैंडफिल साइट्स की आग आदि पर इस बैठक में विशेष जोर दिया जाएगा। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय बैठक की अध्यक्षता करेंगे और अग्रिशमन विभाग, लोक निर्माण विभाग, डीडीए, प्रदूषण नियंत्रण कमेटी के अधिकारियों को बुलाया गया है। बता दें कि गाजीपुर लैंडफिल साइट पर आग के लिए पूर्वी दिल्ली निगम पर 50 लाख रूपए का जुर्माना लगाया गया है। उन्होने कहा है कि सरकार अब खुले में कचरा जलाने के खिलाफ एक अभियान चलाएगी।